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जश्न-ए-एग्जाम

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स्कूल एग्जाम्स चल रहे होंगे या आने वाले होंगे। साल भर अच्छी तरह पढ़नेवाले टैलंटेड स्टूडेंट्स आखिरी दिनों की मेहनत की बदौलत और बेहतर रिजल्ट लाना चाह रहे होंगे तो हमेशा मौज-मस्ती में रहनेवाले स्टूडेंट्स भी कम-से-कम आखिरी दिनों में अच्छी पढ़ाई करने की कोशिशों में हैं। ऐसे में एग्जाम्स से पहले के चंद दिनों में क्या करें कि अच्छे नंबर पा सकें, एक्सपर्ट्स से बात करके बता रही हैं प्रियंका सिंह :

एक्सपर्ट्स पैनल

श्यामा चोना, एक्स प्रिंसिपल, डीपीएस

एस. सी. तिवारी, सीनियर एजुकेशनिस्ट

अरुणा ब्रूटा, सीनियर सायकॉलजिस्ट

परवीन मल्होत्रा, करियर काउंसलर

सुकृति, सीबीएसई साइंस टॉपर 2016

1. एग्जाम से पहले रात-रात भर पढ़ना कितना सही?

एग्जाम से पहले रात-रात भर पढ़ना सही नहीं है। वैसे तो कहा जाता है कि सुबह-सुबह पढ़ना ही बेहतर है, रात में नहीं, लेकिन हर बच्चे की अपनी बॉडी क्लॉक होती है। कुछ बच्चे रात में अच्छा पढ़ पाते हैं तो कुछ सुबह उठकर। ऐसे में बच्चा जब पढ़ना चाहे, उसे पढ़ने दें। लेकिन एग्जाम से पहले दिन यह नियम लागू नहीं होता क्योंकि एग्जाम हॉल में फ्रेश माइंड से ही जाना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि आप थके हुए न हों और आपने अच्छी नींद ली हो। थकान के बाद दिमाग सोना चाहता है जबकि बच्चा जागना चाहता है। ऐसे में स्टूडेंट्स नींद भगाने के लिए कॉफी-चाय से लेकर दवा तक ले लेते हैं। यह सेहत के लिए अच्छा नहीं है। एग्जाम से पहली रात 11 बजे तक सो जाएं। कम-से-कम 8 घंटे की नींद जरूर लें। मुमकिन हो तो दिन में भी आधा घंटे का पावर नैप ले लें। सुबह उठकर ताजा हवा में गहरी सांसें लें। फिर नहा-धोकर एग्जाम्स देने जाएं। बहुत जरूरी न लगे तो सुबह रिविजन करने से बचें। हां, अगर किसी टॉपिक को लेकर ज्यादा चिंता है तो रिविजन कर सकते हैं।

2. अगर न आ रही हो नींद?

एग्जाम से पहले नींद इसलिए उड़ जाती है क्योंकि स्टूडेंट्स एग्जाम को हौवा बना लेते हैं। एग्जाम की पॉजिटिव साइड देखें। आपने अभी तक जो पढ़ाई की, एग्जाम के जरिए आप आकलन कर सकते हैं कि आपने क्या सीखा और समझा। ऐसे में एग्जाम्स को एंजॉय करने, सेलिब्रेट करने की आदत डालें। सोचें कि आप अपना बेस्ट देंगे, बाकी जो होगा, देखा जाएगा। फिर भी अगर एग्जाम से पहले टेंशन के कारण नींद नहीं आ रही हो तो एक कप गुनगुना दूध पिएं। 15-20 मिनट के लिए पैर गुनगुने पानी में डालकर रखने से भी शरीर और मन रिलैक्स होता है। अगर मन बहुत उदास या परेशान है तो पापा-ममा से जरूर शेयर करें। बात करने से मन हल्का होता है।

3. पढ़ाई के दौरान कब लें ब्रेक?

इस बारे में पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता क्योंकि कुछ बच्चे लगातार दो घंटे भी अच्छी तरह पढ़ सकते हैं जबकि कुछ का कंसंट्रेशन घंटे भर भी नहीं टिकता। बेहतर है कि हर घंटे के बाद 5-10 मिनट और हर दो घंटे बाद 15-20 मिनट का ब्रेक लें। ब्रेक के दौरान अपनी पसंद का कुछ भी कर सकते हैं, मसलन टीवी देखना, आउटडोर गेम खेलना, म्यूजिक सुनना, डीप ब्रीदिंग करना या फिर कंसंट्रेशन सुधारने की एक्सरसाइज करना। इसके लिए एक अखबार लें और उसमें एक पैरा लेकर उसके अंदर कोई एक अल्फाबेट (मानो a) लेकर उसे सर्कल कर लें। बाकी को छोड़ते जाएं। स्पोर्ट्स एक्टिविटी से भी कंसंट्रेशन बढ़ता है। इस दौरान चेस या वर्ड पजल्स जैसे गेम न खेलें, क्योंकि इनमें आपको दिमाग ज्यादा लगाना होगा। इनडोर गेम्स में कैरम जैसे गेम खेल सकते हैं। आउटडोर के सभी गेम अच्छे हैं। स्ट्रेचिंग, डीप ब्रिदिंग करना भी अच्छा है।

4. बाहर जाकर खेलें और एक्सरसाइज करें या नहीं?

एग्जाम के दिनों में भी रुटीन बाकी दिनों की तरह ही रहे तो बेहतर है। बस, पढ़ाई का वक्त बढ़ा देना चाहिए। इसका मतलब हुआ कि खेल-कूद को पूरी तरह बंद नहीं करना चाहिए। हां, खयाल जरूर रखें कि चोट न लगे। बेहतर है कि घर के अंदर खेलने के बजाय बाहर जाकर करीब घंटा भर फुटबॉल, क्रिकेट या बैडमिंटन खेलें। याद रखें, खेलने से थकान नहीं होती। वैसे भी बच्चों का एनर्जी लेवल काफी हाई होता है। अगर खेलने का मन नहीं है तो ब्रिस्क वॉक करें। इससे एड्रेनेलिन हॉर्मोन निकलता है जो मन को तरोताजा रखता है और खुशनुमा (फीलगुड) अहसास देता है। इसी तरह, एक्सरसाइज करना बंद न करें। लगातार बैठे रहने से बॉडी का एनर्जी लेवल गिर जाता है, इसलिए थोड़ा मूवमेंट जरूरी है। हर घंटे, दो घंटे में उठकर स्ट्रेचिंग करें। इसके अलावा सुबह उठकर पढ़ने बैठने से पहले वॉक करें।

5. मोबाइल कितनी देर इस्तेमाल करें?

एग्जाम्स के दिनों में ज्यादा पढ़ना बहुत जरूरी होता है, लेकिन वह पढ़ाई स्टूडेंट्स के दिमाग में तभी जाती है जब उनका मूड फ्रेश रहता है। लगातार पढ़ाई के बीच में 5-10 मिनट के लिए दोस्तों से फोन पर बात कर सकते हैं, चैट कर सकते हैं या फिर सोशल मीडिया पर भी जा सकते हैं। लेकिन यह वक्त आधे घंटे से ज्यादा न हो क्योंकि ज्यादा देर करने से वक्त तो बेकार होगा ही, मन भी पढ़ाई से भटकेगा। फोन पर दोस्तों से पढ़ाई डिस्कस करने से भी बचें, वरना बेकार में तनाव हो सकता है।

6. टीवी को करें बाय या हाय?

एग्जाम का मतलब यह नहीं है कि आप हमेशा स्टडी टेबल पर बैठे रहें या हमेशा किताबों में आंखें गड़ाए रहें। ऐसा करने से टेंशन ज्यादा बढ़ती है, इसलिए एग्जाम के समय मनोरंजन भी जरूरी है। मूड फ्रेश करने के लिए दिलचस्प विडियो देखें और म्यूजिक सुनें। आप अपनी पसंद का टीवी प्रोग्राम भी देख सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि इन दिनों टीवी, सोशल मीडिया या मोबाइल गेम पर बहुत वक्त न बिताएं। रोजाना इनके लिए एक घंटे का वक्त काफी है। इससे ज्यादा वक्त बिताने पर आपकी पढ़ाई का नुकसान तो होगा ही, मन भी भटकेगा।

7. दोस्तों से मिलना-जुलना कितना सही?

कई पैरंट्स एग्जाम्स के दिनों में बच्चों को दोस्तों से मिलने पर पाबंदी लगा देते हैं। यह सही नहीं है। बच्चे जब दोस्तों के बीच होते हैं तो टेंशन भूल जाते हैं और उनका मूड फ्रेश हो जाता है, इसलिए एग्जाम्स के दौरान दोस्तों से मिलना पूरी तरह बंद न करें। हां, ध्यान रखें कि ज्यादा टाइम न लगाएं और इस दौरान पढ़ाई के बजाय दूसरे टॉपिक्स पर बात करें। बच्चे जब मिलें तो यह डिस्कस न करें कि किसने क्या पढ़ा? इससे फालतू टेंशन हो सकती है।

8. ग्रुप स्टडी सही है या नहीं?

ग्रुप स्टडी पढ़ाई का बहुत ही अच्छा तरीका है। इसके जरिए आप लर्नर यानी सीखनेवाले से टीचर यानी लिखानेवाले की भूमिका में आ जाते हैं। इससे एक्सप्रेशन और अनैलेटिकल पावर बढ़ती है। लेकिन ग्रुप स्टडी तभी करें, जब आप और आपके दोस्त पढ़ाई को लेकर सीरियस हों। ग्रुप स्टडी के नाम पर गपशप में वक्त बेकार न करें। ग्रुप स्टडी में टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। साथ ही, यह टीचर या पैरंट्स की देखरेख में हो तो अच्छा है। बेहतर है कि कोई एक पैरंट इस ग्रुप का हिस्सा बन जाए। सारे मेंबर मिलकर टॉपिक बांट लें और अपने टॉपिक के बारे में अच्छी तरह पढ़कर बाकी को बताएं। पैरंट्स अगर टीम का हिस्सा नहीं बनते हैं तो यह जरूरी है कि बीच-बीच में ग्रुप का हाल जानते रहें, लेकिन ऐसा कुछ न करें कि वे डिस्टर्ब हो जाएं या उन्हें लगे कि आप उनकी जासूसी कर रहे हैं। अगर पैरंट्स को लगे कि बच्चे पढ़ नहीं रहे हैं तो प्यार से उन्हें समझाएं कि एग्जाम्स के बाद आप खुद उनके लिए पार्टी आयोजित करेंगे, लेकिन फिलहाल पढ़ाई करें क्योंकि यह वक्त लौटकर नहीं आएगा।

9. एग्जाम से पहले दिन क्या करें?

एग्जाम से एक दिन पहले जो कुछ आपने पहले से अच्छी तरह पढ़ा है, उसी की रिविजन करें। नए टॉपिक को छूने का कोई फायदा नहीं। आखिरी दिन किताब से पढ़ना भी बेकार है। आपने जो नोट्स तैयार किए हैं, उन पर निगाह डाल लें, खासकर हेडर्स पर। पूरा दिन लगातार पढ़ने से बचें। यह दिन भी बाकी दिनों की तरह ही सामान्य तरीके से बिताएं।

10. घर में कितनी सख्ती रखें, कितनी छूट?

कई पैरंट्स एग्जाम्स के दौरान घर में कर्फ्यू जैसा माहौल बना देते हैं। यह गलत है। मां को ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों के पीछे न पड़े कि नहा लो, खा लो या पढ़ लो आदि। हर बच्चे की अपनी आदतें और तौर-तरीके होते हैं। उन पर जबरन कुछ थोपने की कोशिश न करें। मां अगर वर्किंग हैं तो एग्जाम्स के दिनों में छुट्टी लेकर बच्चे के साथ घर पर रहें। यह न सोचें कि पढ़ना बच्चे का काम है, वह कर लेगा। बच्चों को पैरंट्स के सपोर्ट की बहुत जरूरत होती है। इन दिनों में अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चों से न करें। एग्जाम के दिनों में नॉर्मल और खुशनुमा माहौल बनाकर रखें। पूरा परिवार एक टीम की तरह काम करे।

डाइट का रखें ख्याल

-भूखे-प्यासे रहकर लगातार पढ़ाई करने से बचें। दिमाग को काम करने के लिए ग्लूकोज और ऑक्सिजन भी चाहिए। एग्जाम के दौरान 3 प्रॉपर मील और 2 बार स्नैक्स जरूर लें। छोटे मील्स लें क्योंकि हम जो भी खाना खाते हैं, वह पेट में जाता है। जब खाना खाने के बाद हम बैठते हैं तो पेट दब जाता है और खाना पचाने में दिक्कत होती है।

- ब्रेकफास्ट बिल्कुल न छोड़ें। एग्जाम से पहले हल्का और हेल्दी नाश्ता जैसे कि दलिया, ओट्स, कॉर्न लेना अच्छा रहता है। सब्जियां और फल ज्यादा लें। हर घंटे पानी पीते रहें और हर दो घंटे में कुछ हल्का-फुल्का खाते रहें खासकर लिक्विड भरपूर लें। इससे एनर्जी बनी रहती है।

- विटामिन-सी (नीबू, मौसमी, संतरा आदि) खाएं। इनसे चुस्ती बनी रहती है। हरी सब्जियां ज्यादा खाएं, खासकर साग, पालक मेथी, ब्रॉकली। इनमें जिंक और विटामिन बी व ई ज्यादा होता है। इससे कंसंट्रेशन बढ़ता है। साथ ही, आंखें भी बेहतर रहती हैं।

- एग्जाम के दिनों में 10-12 पीस ड्राई-फ्रूट्स (बादाम, अखरोट, चिलगोजा आदि) खाएं। इन्हें ब्रेन फूड भी कहा जाता है। दिमाग के लिए ओमेगा3 जरूरी होता है और यह ड्राई-फ्रूट्स में मिलता है।

- इन दिनों जंक फूड (पिज्जा, बर्गर, पास्ता आदि) और सफेद चीजें (मैदा, चावल, चीनी आदि) डाइट में शामिल न करें। इनसे सुस्ती आती है और दोबारा भूख भी जल्दी लगती है।

- एग्जाम से पहले न तो बहुत ज्यादा खाना खाएं और न ही खाली पेट एग्जाम सेंटर पर जाएं। परांठा, पूरी, लस्सी जैसी हेवी चीजों से बचें।

तनाव से ऐसे निपटें

- एग्जाम से डरे नहीं। आखिरी समय में ज्यादा पढ़ने की कोशिश भी न करें। खुद को समझाएं कि अगर एक में नंबर कम आ भी गए तो दूसरे सब्जेक्ट्स में अच्छा कर लेंगे। यूं भी इस जिंदगी में एग्जाम ही सब कुछ नहीं है। इसके अलावा भी दूसरे ऑप्शन हैं।

- कई बार लड़कियां एग्जाम के दौरान पीरियड्स टालने के लिए दवा खा लेती हैं। ऐसा न करें। अगर दर्द हो तो पेनकिलर खा सकती हैं, लेकिन हॉर्मोन चेंज वाली दवा न खाएं।

- पैरंट्स बच्चों से फालतू उम्मीद न रखें, न ही उन पर ज्यादा नंबर लाने का प्रेशर डालें। उसकी तुलना दूसरे बच्चों से न करें। न ही ताने मारें कि पहले तो पढ़ा नहीं, अब पढ़कर क्या होगा! अगर बच्चा परेशान है तो उसे अकेला न छोड़ें। अगर वह आपसे पढ़ाई या कोई और बात शेयर करना चाहता है तो ध्यान से उसकी बात सुनें।

- बच्चे से गलती हो तो भी फौरन जजमेंट न सुनाएं और न ही उसे दोषी ठहराएं। इस बारे में बाद में बात करें। ऐसे वक्त में बच्चे का इमोशनल सपोर्ट जरूरी है। उससे उसकी पुरानी नाकामियों की बात न करें। बेहतर है कि बच्चा अगर देर तक पढ़ना चाहता है तो कोई एक पैरंट उसके साथ जागे। इससे उसका हौसला बढ़ता है। लेकिन अगर बच्चा आपके साथ में जगे रहने से परेशान लगे तो इस बात की भी जिद न करें। उसे अकेले पढ़ने दें।

ऐसे करें पढ़ाई

- बेड पर लेटकर नहीं, टेबल-चेयर पर बैठकर पढ़ें।

- बोलकर और लिखकर तैयारी करें। सिर्फ याद करने भर से काम नहीं चलेगा। इसे आप भूल सकते हैं जबकि लिखकर प्रैक्टिस किए गए जवाबों को आप कभी नहीं भूलते। इसके अलावा, इससे टाइम मैनेजमेंट भी सही रहता है। मसलन कौन-से सवाल को कितना टाइम देना है, पेपर कितनी देर में हल हो सकता है आदि।

- सैंपल पेपर, मॉडल पेपर और पिछले 5 साल के पेपरों को सॉल्व जरूर करें। सीबीएसई की वेबसाइट पर भी क्लास 9 से 12 तक के कई सब्जेक्ट के सैंपल पेपर दिए गए हैं। इनसे तैयारी में मदद मिलेगी। इसके लिए बेवबसाइट www.cbse.nic.in के होमपेज पर लेफ्ट साइड में Helpline पर क्लिक कर Examinations सेक्शन पर जाएं। खुद का मॉक टेस्ट लें और 3 घंटे के अंदर सॉल्व कर ट्यूशन या स्कूल टीचर से चेक कराएं। प्रैक्टिस से डर कम होता है और एग्जाम में आप बेहतर परफॉर्म कर पाते हैं।

- आखिरी वक्त में बहुत सारा पढ़ने के बजाय इम्पोर्टेंट और जरूरी हिस्सों की तैयारी करें। सैंपल पेपर, मॉडल पेपर और पुराने एग्जाम पेपर से इम्पोर्टेंट का अंदाजा लगा सकते हैं। अगर आपने पहले नोट्स बनाए हैं तो उनसे पढ़ें। इनमें भी अहम बातों को अंडरलाइन कर लें।

- रटने के बजाय समझकर पढ़ें। टफ टॉपिक्स को फॉर्म्युले बनाकर पढ़ें और याद करें। साथ ही डायग्राम और ग्राफ आदि बनाकर तैयारी करें।

- एक बार तैयारी हो जाए तो खुद को पैंपर करें जैसे कि लंबा हॉट बाथ लेकर या अपनी पसंद का म्यूजिक सुनकर अच्छा और तरोताजा महसूस कर सकते हैं।

परीक्षा के दिन क्या करें

- आजकल जाम की समस्या आम है, इसलिए एग्जाम वाले दिन थोड़ा पहले घर से निकलें और एग्जाम सेंटर पर थोड़ा पहले पहुंचे। एग्जाम सेंटर पर देर से पहुंचना भी तनाव बढ़ाता है।

- एग्जाम सेंटर जाते वक्त रास्ते में किसी तरह का रिविजन न करें और अपने दिमाग को एकदम शांत रखें। एग्जाम शुरू होने से पहले 5 मिनट के लिए गहरी सांसें जरूर लें। इससे शरीर को ऑक्सिजन मिलती है और तन-मन रिलैक्स हो जाता है।

- पेपर मिलने के बाद आराम से पूरा पेपर पढ़ें। सवालों को गौर से पढ़ें। हो सकता है कि आपको लगे कि आपको कुछ नहीं आता या आप सब भूल गए हैं। घबराएं नहीं, ऐसा सबसे साथ होता है, लेकिन सच यह है कि अगर आपने पढ़ा है तो वह जरूर याद आ जाएगा। बस अपना मन शांत रखकर लिखना शुरू करें।

- ध्यान रखें कि सबसे पहले पेपर अच्छी तरह पढ़ें। कई बार जल्दबाजी में हम सवाल को पूरा पढ़े बगैर ही जवाब लिखने बैठ जाते हैं। सवालों को कई बार हल्का घुमाकर पूछा जाता है। ऐसे में हम गलत जवाब लिख बैठते हैं। जो सवाल अच्छी तरह आता है, उसका जवाब पहले लिखें, फिर उसका जवाब लिखें, जो थोड़ा मुश्किल हो और आखिर में उन सवालों को सॉल्व करने की कोशिश करें, जिनके जवाब के लिए आपको बहुत ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत है।

- अक्सर स्टूडेंट्स पहले सवाल में काफी वक्त लगा देते हैं जबकि हकीकत यह है कि अगर 10 नंबर का सवाल है और आप उसका आंसर बहुत बड़ा भी लिख लेंगे तो भी नंबर उतने ही मिलेंगे। बेहतर है कि मन में हर जवाब के लिए वक्त तय कर लें। उसी के अनुसार टाइम देकर लिखें। आखिर में रिविजन के लिए भी 15 मिनट बचा लें।

- लंबा-लंबा लिखने से बचें। कई बार स्टूडेंट्स को लगता है कि ज्यादा लिखने से ज्यादा मार्क्स मिलेंगे। यह सही नहीं है। छोटे, सटीक और सही जवाबों को टीचर ज्यादा पसंद करते हैं। इसके अलावा, आजकल ज्यादातर सवालों के दो या तीन हिस्से होते हैं। उन हिस्सों के जवाब बारी-बारी से लिखें। उन्हें आपस में मिलाएं नहीं।

- हैंडराइटिंग साफ हो और शब्दों के बीच थोड़ा फर्क रखें तो बेहतर रहेगा। साथ में जरूरी लगे तो डायग्राम या फ्लो चार्ट भी बनाना चाहिए। जो अहम बातें हैं, उन्हें पेंसिल से अंडरलाइन कर सकते हैं। कॉपी जितनी सुंदर होगी, टीचर को उतनी ज्यादा पसंद आएगी और आपको मार्क्स भी ज्यादा अच्छे मिलेंगे।

हेल्पलाइन: अगर आप एग्जाम को लेकर तनाव में हैं तो सीबीएसई के टोल फ्री नंबर 1800-11- 8004 पर 29 अप्रैल तक कॉल कर काउंसलर से बात कर सकते हैं। सातों दिन सुबह 8 से रात 10 बजे तक इस पर कॉल कर सकते हैं।

ईमेल: directoracad.cbse@nic.in या mcsharma2007@rediffmail.com पर भी अपने सवाल भेज सकते हैं।

ज्यादा जानकारी के लिए

nbt.in/examtips : ऐसे करें बोर्ड एग्जाम में बेहतर

वेबसाइट और ऐप

cbse.nic.in: यह सीबीएसई की वेबसाइट है। इस पर प्रैक्टिस के लिए ज्यादातर सब्जेक्ट्स के सैंपल पेपर दिए गए हैं। एग्जाम स्ट्रेस से निपटने की भी पूरी जानकारी इस साइट पर दी गई है।

vedantu.com: यहां कई तरह के पेड और फ्री कोर्स और मटीरियल दिए गए हैं स्टूडेंट्स के लिए।

shalaa.com: एक ही वेबसाइट पर आपको क्वेस्चन पेपर, ट्यूटोरियल, सिलेबस आदि की ढेर सारी जानकारी मिल जाएगी।

toppr: क्लास 8 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए यह काफी काम का ऐप है।

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