Quantcast
Channel: जस्ट जिंदगी : संडे एनबीटी, Sunday NBT | NavBharat Times विचार मंच
Viewing all articles
Browse latest Browse all 485

दौड़ना ही ज़िंदगी है...

$
0
0

दौड़ना ही ज़िंदगी है...

क्या आप दौड़ते हैं? अगर नहीं तो कल से ही दौड़ना शुरू कर अपनी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दें। मजेदार यह कि दौड़ने के लिए पैसा खर्च करने की जरूरत भी नहीं। बस,चाहिए तो थोड़ा सा वक्त। एक बार रनिंग में पारंगत होने के बाद जीवन भर के लिए फिटनेस की चिंता नहीं करनी होगी। अकेले रनिंग ही आपको फिट रखने के लिए काफी है। 6-7 साल से लेकर 80-90 साल तक रनिंग शुरू की जा सकती है। तो देर क्यों? सुंदर चंद ठाकुर एक्सपटर्स की मदद और इंटरनैशनल मैगजीन रनिंग वर्ल्ड के लेखों के आधार पर लाएं हैं रनिंग के बारे में बेशकीमती जानकारियां :



कैसे करें शुरुआत
अगर अब तक आपने रनिंग कभी नहीं की है, तो आपको बहुत धैर्य के साथ दौड़ना शुरू करना होगा। पहले कुछ हफ्तों तक आपको दौड़ना कम और चलना ज्यादा होगा। रनिंग पर दुनियाभर में लोकप्रिय पत्रिका रनिंग वर्ल्ड ने नई शुरुआत करने वालों के लिए आठ हफ्तों का प्रोग्राम बनाया है। उस प्रोग्राम के मुताबिक पहले हफ्ते आपको दौड़ना कम है और चलना ज्यादा। उनके पहले हफ्ते का प्रोग्राम कुछ इस तरह है -


दूसरे हफ्ते से आपको दौड़ना ज्यादा है और चलना कम। इसके बाद आप हर हफ्ते अपने दौड़ने की अवधि 4-5 मिनट बढ़ाते जाएं। लेकिन हफ्ते में चार दिन ही दौड़े बाकी दिन सिर्फ वॉक करें। एक दिन आराम करना अनिवार्य है। अगर आप सोमवार को दौड़ते हैं तो मंगलवार को वॉक करें। बुध को दौड़ें और बृहस्पति को वॉक करें। चूंकि आपको संडे रेस्ट लेना है, तो आप शुक्रवार और शनिवार दो दिन लगातार दौड़ सकते हैं। आपको वॉक करने की अवधि को एक मिनट ही बनाए रखना है, जबकि दौड़ने की अवधि को हफ्ते दर हफ्ते बढ़ाना है। अगर ऐसा कर सकें तो आप आठ हफ्ते बाद धीमी गति से आधे घंटे (करीब 3.5 किमी) दौड़ पाएंगे। एक बार जब आप बिना रुके 3.5 किमी दौड़ने लगें, तो अपना अगला लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक अगर आप इतना भी लगातार करने लगे, तो यह आपके वजन को कम करने या बनाए रखने के लिए पर्याप्त है। बाकी इससे आपके कॉलेस्ट्राल, ब्लडप्रेशर और शूगर लेवल जैसे हेल्थ के दूसरे मानकों को लेकर भी सुधार होना तय है।

ऐसे करें परफेक्ट रनिंग

अच्छा रनर बनने और अपने शरीर को चोट से बचाने के लिए यह जरूरी है कि आप दौड़ने के लिए सही तकनीक का इस्तेमाल करें। ज्यादातर लोग चोटग्रस्त इसीलिए हो जाते हैं कि वे ठीक तरीके से नहीं दौड़ते। लोग एड़ियों पर दौड़ते हैं, जिसकी वजह से पैर के जमीन से टकराने से पैदा होने वाले झटके पैरों के रास्ते पूरे शरीर पर प्रभाव छोड़ते हैं। सही तरीका यह है कि आपका पैर जमीन पर जब गिरता है, तो पहले एड़ियां न लगें, बल्कि पैर बीच के हिस्से पर गिरे। इसे मिडफुट रनिंग कहा जाता है। दौड़ते वक्त आपके दोनों कंधे तनावरहित रहने चाहिए। हाथ सामने और पीछे की ओर आगे-पीछे मूव होने चाहिए न कि तिरछे। आपकी नजर सामने लगभग 40 मीटर आगे रहनी चाहिए।

एक अच्छे रनर के लिए अच्छा 'फॉर्म' (शरीर के अलग-अलग हिस्सों की पोजिशन) बहुत जरूरी है। अच्छे फॉर्म के लिए नीचे दिया गया चार्ट देखिए :

1) Posture:
- दौड़ना शुरू करने से ठीक पहले चेक करें।
- पैर सीधे हों, घुटनों में बहुत थोड़ी-सी लचक
- सिर सीधा और नजर सामने
- हाथों को हवा में खींच शरीर को तान लें।
- स्पाइन यानी रीढ़ खिंची हुई।
- भुजाएं दोनों ओर जमीन से 90 डिग्री के कोण में।
- भुजाओं और कंधों को तनावरहित रखें।
- हाथों की गति का इस्तेमाल करें। उन्हें शरीर के बीच के हिस्सों को पार न करने दें। यानी उनकी गति आगे-पीछे रहे, तिरछी नहीं।

2) Mid-Foot

- जमीन पर आपका पैर मध्यहिस्से यानी मिड फुट पर गिरे।
- पूरा पैर झटके के साथ नहीं बल्कि आराम से नीचे गिरे, ठीक हिप के नीचे।
- हल्के पैरों से दौड़ें, पैर पटके नहीं।
- मिड फुट पर पैर गिरने से संतुलन बेहतर रहता है और झटके नहीं लगते।

3) Cadence

- इसका मतलब है कदमों की स्पीड।
- अपने कदमों की स्पीड जानने के लिए गिनें कि आपका दाहिना पैर एक मिनट में कितनी बार गिरता है। टारगेट 90 कदम का है।
- 180 कदमों की स्पीड से कदम छोटे रहेंगे और आपकी स्पीड बढ़ेगी। इससे मिडफुट लैंडिंग भी हो सकेगी।

4) Lean

- इसका मतलब है आगे की ओर झुकना।
- अपने वजन को थोड़ा-सा आगे की ओर रखें।
- आगे की ओर स्पीड पाने के लिए ग्रेविटी का इस्तेमाल करें।
- अपने पॉश्चर को दौड़ना शुरू करने से पहले फिर से सेट करें और शरीर को आगे झुकाते हुए धीमे दौड़ना शुरू करें।

सामान्य रनिंग फॉर्म VS अच्छी रनिंग फॉर्म

झुका हुआ पॉश्चर, एड़ी जमीन पर गिरती हैं, कदम लंबे और कमर से झुका शरीर। इससे शरीर की ताकत बर्बाद होती है और कई तरह की इंजरीज हो सकती हैं।

शरीर तना हुआ, मिडफुट पर पैरों का गिरना, छोटे कदम, कदमों की तेज स्पीड और शरीर थोड़ा आगे झुका हुआ। यह सुनिश्चित करता है कि आपकी दौड़ने की क्षमता बढ़े, आप आराम से दौड़ें ताकि इंजरीज न हों।

स्ट्रैचिंग होगी फिट तो रनिंग रहेगी हिट

रनर्स के लिए स्ट्रैचिंग बहुत जरूरी है। यह ऐसा ही है जैसे आप कार में ऑयल डालते है। अगर स्ट्रैचिंग नहीं करेंगे, तो बिना ऑयल की कार की तरह दौड़ने में मदद करने वाले हिस्से को खराब कर लेंगे। वैसे तो सिर से पांव तक सभी मांसपेशियों की स्ट्रैचिंग जरूरी है, लेकिन रनर्स के लिए कुछ स्ट्रैचेज काफी जरूरी हैं। रनिंग करने से मसल्स टाइट हो जाते हैं, जिससे चोटिल होने का खतरा बढ़ जाता है। स्ट्रैचिंग के जरिए आप खुद को इंजरीज से बचा सकते हैं।

दौड़ने से पहले-

ये दोनों स्ट्रैचेज आपके पैरों की सभी मांसपेशियों- अंदरूनी, बाहरी व सामने की जांघ, हिप्स, हैमस्ट्रिरग और पिंडली (काफ) को ढीला करते हैं।

Leg Swings

किसी मजबूत चीज को पकड़ लें और एक पैर पर खड़े होकर दूसरे पैर को आगे-पीछे हवा में स्विंग करें। ऐसा 20 बार करें। फिर इसी पैर को साइड में एक ओर स्विंग करें। हर स्विंग के साथ आपका पैर अपनी अधिकतम सीमा तक स्ट्रेच होना चाहिए। ऐसा बारी-बारी से दोनों पैरों से करें।

Walking Lunges

दाएं पैर से आगे की ओर एक लंबा कदम रखें और घुटने को इतना मोड़ें कि जांघ जमीन के पैरेलल हो जाए और घुटना टखनों की सीध में ऊपर। अब अपने कमर से ऊपर के शरीर को पीछे की ओर खीचें। बाएं पैर का घुटना जमीन के करीब तक जाए। अब बाएं पैर को उठाकर आगे लंबा कदम लें। अब दाएं पैर का घुटना जमीन के करीब रहे और कमर से ऊपर का शरीर पीछे की ओर तना रखें। दोनों पैरों से दस-दस कदम चलें।

दौड़ने के बाद-

ये तीनों स्ट्रैचेज आपके पैरों की मांसपेशियों में लचीलापन लाते हैं। हर स्ट्रैच को करीब 30 सेकंड तक रोककर रखें।

Kneeling hip flexor and hamstring

थोड़ा-सा झुककर दाएं पैर को जमीन पर रखें और इसे जमीन से 90 डिग्री पर ले जाएं। घुटना और टखना एक सीध में ऊपर नीचे रहें। अपने बैक को सीधा बनाए रखकर और बाएं पैर को जमीन पर रखे हुए अपने हिप्स को आगे की ओर खींचें और अपने बाएं हिप व दाएं पैर की हैमस्ट्रिंग में तनाव महसूस करें।

Standing quad

दोनों पैरों पर खड़े हो जाएं। बाएं पैर को मोड़कर पीछे ले जाएं और टखने को बाएं हाथ से पकड़ लें। अब हाथ से टखने को ऊपर खीचें। आपको बाएं पैर की जांघ के अगले हिस्से पर तनाव महसूस होगा। ऐसे ही दाएं पैर से भी करें।

Standing calf

किसी दीवार के सामने खड़े हो अपने हाथों को सीने की सीध में दीवार पर टिका दें। दाएं पैर को आगे लाएं और बाएं को पीछे। बाएं पैर की एड़ी जमीन पर टिकी रहे। अब शरीर को आगे की ओर झुकाएं। पिछले पैर की काफ में तनाव महसूस होगा। ऐसे ही बाएं पैर को आगे रख कर करें।

TOP 10 रनिंग के फायदे

1) बेहतर मेंटल हेल्थ -

रनिंग की वजह से आपका शरीर ऐसे रसायन छोड़ता है कि आपको ज्यादा खुशी महसूस होती है।

2) अस्थमा का कम असर -

फेफड़े-श्वासनली मजबूत होते हैं। जिससे दमे जैसी बीमारी से लड़ने में मदद मिलती है।

3) हाई ब्लडप्रेशर से बचाव -

रनिंग के वक्त धमिनयां फैलती और सिकुड़ती हैं, जिससे वे तंदुरूस्त रहती हैं और ब्लडप्रेशर नॉर्मल बना रहता है।

4) मजबूत इम्यून सिस्टम -

रनिंग से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और इससे छोटी-मोटी बीमारी दूर रहती है।

5) वजन होता है कम -

रनिंग से आप प्रति घंटे 700 से 850 कैलरी बर्न करते हैं। इससे वजन कंट्रोल रहता है।

6) बढ़ती है शारीरिक मजबूती -

रनिंग से लिगामेंट्स और टेंडन तो मजबूत होते ही हैं, आपकी लोअर बॉडी भी ताकतवर होती है।

7) बढ़ती है बोन डेंसिटी -

हड्डियों पर जोर पड़ने से शरीर जरूरी मिनरल्स भेजता है, जो वक्त के साथ हड्डियों का घनत्व बढ़ा कर उन्हें मजबूत बनाते हैं।

8) जोड़ों की बढ़ती है ताकत -

लिगामेंट्स और टेंडन की ताकत बढ़ने से जोड़ों की ताकत बढ़ती है, जिससे टखनों, घुटनों और हिप्स चोटिल नही होते।

9) दमदार सेल्फ कंट्रोल -

रनिंग का मतलब ढेर सारा कॉन्फिडेंट जो देता है जीवन पर बेहतर नियंत्रण और खुशियां।

10) डायबिटीज होगी बेअसर -
रनिंग डायबिटीज को कम कर शुगर लेवल को कंट्रोल रखता है। इससे डायबिटीज का खतरा घटता है।



रनिंग में जल्दबाजी न करें

मिलिंद सोमन (IRONMAN)

दौड़ना अब मेरी आदत में शुमार हो गया है। मैं साढ़े तीन घंटे में मैराथन पूरी करने के बाद और दो घंटे तक दौड़ता रह सकता हूं। मैं 14 साल पहले पहली बार हाफ मैराथन दौड़ा था। मगर ऐसा नहीं था कि उससे पहले मैं बिल्कुल नहीं दौड़ता था। मैं एक्टिव लाइफ जी रहा था और तीन-चार किमी तक दौड़ सकता था। चार साल पहले फुल मैराथन दौड़ा। पहले साल मेरा टाइम 4 घंटे 50 मिनट था। पिछले साल मैंने साढ़े तीन घंटे में रेस पूरी की। तीन साल से मैं नंगे पैर ही दौड़ रहा हूं। शुरू में मुझे दो-तीन महीने तक नंगे पांव दौड़ने में दिक्कत हुई, पर अब मुझे ऐसे ही दौड़ना अच्छा लगता है। प्रकृति ने हमें नंगे पांव दौड़ने के लिए ही हमारे पैर ऐसे बनाए हैं। जूते तो 45 साल पहले ही आए। लेकिन मैंने कभी दौड़ने के मामले में जल्दबाजी नहीं की। 10 साल हाफ मैराथन दौड़ने के बाद फुल मैराथन दौड़ना शुरू किया। होता क्या है कि जब आप दौड़ना शुरू करते हैं, तो कुछ समय बाद बहुत पावर महसूस करते हैं। आप उत्साह में अपना टारगेट मुश्किल करते जाते हैं। आपके दिल और फेफड़ों की ताकत बढ़ जाती है। कार्डियावस्कुलर सिस्टम स्ट्रॉंग हो जाता है। लेकिन दुर्भाग्य से आपके शरीर की मांसपेशियां इतनी जल्दी मजबूत नहीं हो पाती। कमजोर मांसपेशियां लोड नहीं ले पाती और आप इंजरी का शिकार हो जाते हो। शरीर की मांसपेशियों को मजबूत होने में डेढ़-दो साल लग जाते हैं। इसलिए दौड़ना शुरू करें तो डेढ़-दो साल तक बहुत मुश्किल टारगेट न बनाएं बल्कि शरीर की सुनें।

Remember, the feeling you get from a good run is far better than the feeling you get from sitting around wishing you were running.
Sarah Candor (Author/writer)

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Viewing all articles
Browse latest Browse all 485

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>