हमारे 'फैट टु फिट' कैंपेन के दौरान कई रीडर्स के ऐसे मेल भी मिले, जो दुबलेपन से परेशान हैं और ठीकठाक शरीर चाहते हैं। इन रीडर्स के लिए एक्सपर्ट्स की मदद से लोकेश के. भारती बता रहे हैं अंडरवेट से फिट हो जाने के हेल्दी तरीके: सवाल: बीएमआई पर अंडरवेट कितना अंडरवेट? 1. न्यूट्रिशन कम लेना या बैलेंस्ड डाइट न लेना। 2. बढ़ती उम्र में खानपान पर ध्यान न दिया जाना है। 3. फिजिकल वर्क के हिसाब से डाइट या कैलरी नहीं ले रहे। 4. किसी खास जेनेटिकल प्रॉब्लम की वजह से। 5. किसी खास तरह की बीमारी से ग्रसित या हॉरमोनल डिसऑर्डर होना। 6. ज्यादातर मामलों में खून की कमी (एनीमिया), टीबी या पेट में कीड़े होने की वजह से वजन कम होता है। 2. मीट, मछली, चिकन या अंडा या 35 से 40 ग्राम या 2 अंडा 140 कैलरी पनीर 35 से 40 ग्राम 100 कैलरी 3. रोटी या चावल 10 रोटी (250 ग्राम आटा या 220 ग्राम चावल) 850 कैलरी 4. दाल (अरहर, चना, मूंग, मसूर) दो कटोरी 172 कैलरी 5. फल (सेब, संतरा) 2 80 कैलरी 6. फैट (तेल, घी) 5 से 6 टी स्पून (25 से 30 ग्राम) 250 कैलरी 7. शुगर 5 से 6 छोटा चम्मच 120 कैलरी नोट: अगर आपको दूध पीना पसंद नहीं है, तो आप उतनी मात्रा में दही खा सकते हैं। वहीं नॉनवेज की जगह पनीर ले सकते हैं। मिथ मंथन: - एक्सरसाइज करने से तो वजन और कम हो जाएगा। 1. कपाल भाती: यह आसान वजन कम करने और वजन बढ़ाने दोनों में कारगर है। सुबह उठने के बाद खाली पेट इसे दो से तीन राउंड कर सकते हैं। हर राउंड में आप 20 से 30 बार कपाल भाती की प्रक्रिया करें। दरअसल, इससे आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही थायरॉयड ग्लैंड और लीवर एक्टिव होता है। 2. उत्तानपादासन: दो बार करें। 3. कटिचक्रासन: चार बार करें। 4. पवनमुक्तासन: तीन बार करें। 5. भुजंगासन: तीन बार करें। 6. मंडूकासन: दो बार 7. अर्द्धमत्स्येन्द्रासन: दो बार। 8. गर्दन की सूक्ष्म क्रिया: आठ से दस बार। 9. अनुलोम-विलोम: पांच मिनट 1. वॉकिंग, जॉगिंग और रनिंग - शुरुआत वॉकिंग से करें। - पहले हफ्ते अगर तेज चलने में परेशानी हो रही हो तो केवल वॉकिंग ही करें। - हर दिन 20 से 30 मिनट की वॉकिंग कर सकते हैं। - धीरे-धीरे इसे जॉगिंग में बदल दें। यानी अपने चलने की गति को बढा दें। - इसके बाद रनिंग भी कर सकते हैं। ऐसा आप पार्क या जिम कहीं भी कर सकते हैं। - बॉडी को शेप में रखने के लिए यह भी एक अच्छा ऑप्शन है। आप शुरुआत में हर दिन 15 से 20 मिनट साइकलिंग कर सकते हैं। चाहें तो रोजमर्रा का काम भी साइकल के जरिए निपटाने का रुटीन भी चुन सकते हैं। - अगर स्विमिंग की सुविधा उपलब्ध है, तो पूरे शरीर के लिए इससे बेहतर ऑप्शन दूसरा कोई नहीं है। - शुरुआत में 5 से 10 मिनट की स्विमिंग काफी है। - बाद में इंस्ट्रक्टर की मदद से टाइम बढ़ा सकते हैं। एक्सपर्ट्स पैनल डॉ. अनिल बंसल, सीनियर फिजिशन डॉ. वरुण वर्मा, नेफ्रॉलजिस्ट, फोर्टिस हॉस्पिटल डॉ. शिखा शर्मा, न्यूट्री-डाइट एक्सपर्ट अंजलि भोला, डाइटिशन, एम्स सुरक्षित गोस्वामी, योग गुरु
12 वीं पास होने के बाद से ही रोहित पुलिस में भर्ती होने के सपने देखने लगा था। बस उसकी परेशानी थी दुबला शरीर। कॉलेज में कोई उसे पतला पापड़ बुलाता था, तो कोई लटके राम। पुलिस में भर्ती होने की धुन में फिट होने का जुनून रोहित के सिर पर सवार हो गया। वह ताबड़तोड़ प्रोटीन सप्लिमेंट और वजन बढ़ाने की दवाएं लेने लगा। साथ ही कई घंटे जिम में बिताने शुरू कर दिए। नतीजा, रोहित फिट तो नहीं हुआ, हॉस्पिटल जरूर पहुंच गया। डॉक्टर ने उसे फौरन प्रोटीन और दूसरे सप्लिमेंट्स के साथ जिम भी बंद करने को कहा। किडनी व हार्ट की जांच कराने से पता चला कि किडनी मात्र 40 फीसदी ही काम कर रही है। सही इलाज के बाद अब रोहित नॉर्मल होता जा रहा है। दरअसल, ये किस्सा आम-बात है। कई बार अंडरवेट से फिट होने का दीवानापन हालत और खराब कर सकता है, अनाप-शनाप कदम उठाने के बजाय वेट गेन करने के लिए सही तरीका चुनें। ऐसे में अंडरवेट होने की परेशानी से गुजर रहे लोगों के दिमाग में उठने वाले कॉमन सवाल और जवाब हम यहां दे रहे हैं।
दुबलेपन का जवाब है!
इस सवाल का जवाब खुद ढूंढने के लिए बीएमआई एक बेहतर विकल्प हो सकता है। बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स), हाइट-वेट रेशो है। इसे फिटनेस के एक पैमाने के तौर पर देखा जाता है। हालांकि यह फिट होने का अकेला पैमाना नहीं हैं। हो सकता है कोई इंसान बीएमआई के पैमाने पर तो फिट हो लेकिन फिर भी फिट न हो। किसी का वजन इस वजह से भी कम हो सकता है कि उसकी बोन डेंसिटी कम है। ऐसे में बीएमआई ही केवल अंडरवेट होने का पैमाना नहीं हो सकता।
सवाल: डॉक्टर किसे मानते हैं अंडरवेट?
डॉक्टर के अनुसार, किसी के अंडरवेट होने का निर्णय अक्सर दो बातों को देखकर लिया जाता है। पहला कि इंसान एक्टिव है या नहीं। अगर वह एक्टिव है और अपने सभी काम सही ढंग से कर रहा है, तो भले ही उसका वेट बीमएआई के अनुसार नॉर्मल से कम ही क्यों न हो, परेशानी की कोई बात नहीं है। ऐसे में उसे अंडरवेट इन हेल्दी कंडीशन कह सकते हैं। इसका दूसरा पैमाना है, कहीं उसे कोई बीमारी तो नहीं है। किसी के अंडरवेट होने में कुछ बीमारियां भी कारण बन सकती हैं। मसलन, एनीमिया (खून की कमी, जो विटामिन्स, आयरन की कमी या पेट में कीड़े की वजह से भी हो सकती है), टीबी, हॉर्मोनल डिसऑर्डर की जांच करते हैं। अगर ऐसा है, तो पहले इनका इलाज जरूरी है।
सवाल: क्यों होता है कोई अंडरवेट?
अमूमन इन वजहों से इंसान अंडरवेट हो सकता है।
सवाल: वजन को लेकर कब करें चिंता
डॉक्टर्स का कहना है कि कोई लड़का, जिसकी उम्र 18 साल से ज्यादा है तो उसका वजन 50 किलो से ज्यादा होना चाहिए, वहीं लड़कियों के लिए यह सीमा 45 किलो है। अगर वजन इससे कम है, तो यह चिंता की बात हो सकती है। ऐसे में सबसे पहले डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ताकि डॉक्टर जांच कर सके कि वजन कम होने का कारण क्या है।
सवाल: हर अंडरवेट इंसान को परेशानी हो सकती है?
जरूरी नहीं कि जो अंडरवेट हैं वह हेल्दी न हो। अगर कमजोरी महसूस नहीं होती, वजन लगातार कम नहीं हो रहा, तेजी से चलने पर सांस नहीं फूलती, आपका बीपी, पल्स रेट सब नॉर्मल है, तो चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन अगर आप अंडरवेट हैं और ये परेशानियां भी आपके साथ हैं, तो डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए।
सवाल: वजन बढ़ाने में जिम कितना मददगार?
अगर बॉडी बनाना है, तो जिम जा सकते हैं। वैसे ऐसा भी नहीं है कि जिम जाए बिना हेल्दी और फिट नहीं रहा जा सकता। रोज घर पर वर्कआउट या योगाभ्यास करके भी हेल्दी हो सकते हैं। घर के आसपास के पार्क में भी जा कर एक्सरसाइज कर सकते हैं। जिम जाने से एक फायदा जरूर होता है। आपका रुटीन फिक्स हो जाता है। साथ ही एक्सरसाइज का सही तरीका जानने के लिए जिम इंस्ट्रक्टर की मदद भी मिल जाती है।
सवाल: प्रोटीन सप्लिमेंट्स हैं जरूरी?
आज हर युवा बॉडी बनाने की चाहत रखता है। बस दिक्कत है, शॉर्टकट या कम वक्त में ही हैंडसम और स्मार्ट दिखने की चाहत में किसी भी हद तक जाना। ऐसे में जिम जॉइन करने के साथ ही प्रोटीन सप्लिमेंट्स और स्टिरॉयड लेना शुरू कर देते हैं। हालांकि यह शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस, यानी हड्डी कमजोर होने की समस्या हो सकती है। ऐसे किसी भी कदम से पहले आप डाइटिशन या डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अगर कुछ एक्स्ट्रा खाना हो,तो नेचरल प्रोटीन लें। अगर सप्लिमेंट लेना हो,तो डॉक्टर या डाइटिशन की सलाह पर ब्रैंडेड कंपनियों के ले सकते हैं।
सवाल: टीवी विज्ञापनों पर कितना करें यकीन?
टीवी पर तमाम ऐसे प्रॉडक्ट रोज दिखाई देते हैं जो चंद दिनों में ही वजन बढ़ाने का दावा करते हैं। कभी भी सिर्फ टीवी विज्ञापन देखकर प्रॉडक्ट न खरीदें। नियमों के हिसाब से ऐसे विज्ञापन दिखाए ही नहीं जाने चाहिए, जिनमें किसी को दुबला या हेल्दी बनाने का 100 फीसदी दावा किया गया हो। टीवी पर दिखाए नुस्खों के दम पर ही अगर कोई फिट हो सकता, तो जिम और डाइटिशन की जरूरत ही न होती।
सवाल: नेचरल प्रोटीन है बेहतर विकल्प?
आर्टिफिशल प्रोटीन की तुलना में नेचरल प्रोटीन हमेशा ही ज्यादा फायदेमंद होता है। अगर किसी को अपना वजन बढ़ाना है, तो वह खाने में कुछ चीजों पर खास फोकस करे। मसलन, दाल, सोयाबीन, अंडा, मछली, पनीर, आदि ले सकते हैं जो प्रोटीन के सोर्स हैं। वहीं कार्बोहाइड्रेट के रूप में चावल, रोटी सबसे बेहतरीन विकल्प हैं।
सवाल : क्या जरूरी है बैलेंस्ड डाइट?
आपकी फिजिकल एक्टिविटी और जरूरत पर ही डाइट निर्भर करती है। अगर वजन बढ़ाना है, तो 2000 से 2400 कैलरी रोज तक ले सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि आप जो भी डाइट प्लान करें, वह किसी अच्छे डाइटिशन की मदद से ही करें। दरअसल, हम अपने खाने को 7 फूड ग्रुप्स में बांट सकते हैं, जिन्हें हर दिन खाए जाने की जरूरत है। पूरे दिन (24 घंटा) में कितनी कैलरी लेनी है इसे नीचे बताया गया है:
आइटम्स अमाउंट कैलरी
1. दूध (फुल क्रीम) 750 एमएल 250 कैलरी
इतना सब खाने के बाद आपके शरीर में तकरीबन 2000 कैलरी आसानी से पहुंच जाएगी, जो हेल्दी तरीके से वजन बढ़ाने में कारगर साबित होगी।
पांच रंगों का कमाल
वजन बढ़ाना है और फिट रहना है तो आपके खाने में पांच रंगों की मौजूदगी जरूर होनी चाहिए। इससे आपकी डाइट बैलेंस्ड होती है और आपको सभी तरह के न्यूट्रिएंट्स भी मिलते हैं।
एक्सरसाइज जरूर करें। इससे गुड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जो आपके हार्ट और ब्रेन मजबूत होता है। दरअसल, एक्सरसाइज करने से आपके शरीर में फैट का डिस्ट्रिब्यूशन सही रहता है। इससे आर्टरीज में कॉलेस्ट्रॉल कम जमा होता है। वहीं, अगर आप एक्सरसाइज नहीं करेंगे, तो शरीर में बैड कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती जाएगी। इससे हाई बीपी जैसी दिल से जुड़ी परेशानियां खड़ी हो सकती हैं।
- केवल फैट ही खाना, बाकी को भूल जाना
ऐसा सोचना बिल्कुल ही गलत है। केवल फैट खाने से आपका वजन भले ही बढ़ जाए, लेकिन दूसरे न्यूट्रिएंट्स और विटामिन्स की कमी हो सकती है। इसलिए इस बात को कतई न भूलें कि आपके लिए प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के साथ विटामिन्स भी काफी जरूरी है। फैट के साथ बाकी चीजों का साथ ही आपको हेल्दी बनाए रह सकता है।
- वेट बढ़ाना है, तो जब मन हो, तब खाओ
ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है। आप कभी भी वजन बढ़ाने की प्लानिंग बेतरतीब तरीके से नहीं कर सकते। खाने और सोने का वक्त जरूर निश्चित करें। आप जब भी बैलेंस्ड डाइट की बात करते हैं, तो इसका सीधा मतलब है कि सही समय पर सही खुराक लेना है। अगर आप टाइम को फॉलो नहीं करेंगे, तो परेशानी आएगी। एक बात जरूर याद रखें कि आपको चाहे वजन बढ़ाना हो या वजन कम करना हो, तरीका एक ही है : टाइम पर खाना और रुटीन को फॉलो करना। हां, वेट बढ़ाने के लिए बस थोड़ी कैलरी की मात्रा बढ़ानी होगी।
- योग और एक्सरसाइज से होगी राह आसान
वजन बढाने की प्रक्रिया में योग भी आपके लिए मददगार हो सकता है। वजन बढ़ाने के लिहाज से अहम आसान नीचे दिए जा रहे हैं।
एक्सरसाइज
वैसे तो अंडरवेट को तगड़ी एक्सरसाइज की जरूरत नहीं होती है। पर जब आप कैलरी अधिक ले रहें हैं, तो इसका बॉडी में सही डिस्ट्रिब्यूशन भी जरूरी है ताकि शरीर शेप में रहे। शरीर को शेप में रखने का काम एक्सरसाइज करती है।
2 साइकलिंग
3. स्विमिंग
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