Quantcast
Channel: जस्ट जिंदगी : संडे एनबीटी, Sunday NBT | NavBharat Times विचार मंच
Viewing all articles
Browse latest Browse all 485

ट्रैवलिंग के टूल्स

$
0
0

घूमने के लिए बस यूं ही निकल पड़ना आसान है, लेकिन घुमक्कड़ी के एक अच्छे आउटिंग के लिए बैकपैक का होना आपकी घुमक्क्ड़ी के उन्माद को दुगुना जरूर कर सकता है। यह उन्माद ही आपके जोश, जूनून और साहस को परवान चढ़ाता है इसलिए हम इस पर ध्यान दें कि बैकपैक ही क्यों? एक अच्छा बैकपैक कैसा होता है? एक अच्छे बैकपैक में किन-किन चीजों का होना नितांत जरुरी होता है? एक अच्छे बैकपैक की खास बात क्या होती है? एक अच्छा बैकपैक कैसे बन सकता है?

बैकपैक की बात

भारत में बड़े बैकपैक्स 10 किलोग्राम (20 लीटर) से अधिक भार के लिए बने होते हैं। ये आमतौर पर छोटे स्पोर्ट्स जैसे कि साइक्लिंग, रनिंग, ट्रैकिंग के लिए उपयोग में लाए जाते हैं। ये सामान्य बैग से काफी अलग होते हैं क्योंकि इसके लोड को स्थिर करने के लिए कमर, कंधे के साथ-साथ हिप बैक का सपोर्ट लिया जाता है। संतुलित बनावट की वजह से सामान्य बैग के मुकाबले इनका नब्बे प्रतिशत भार कम हो जाता है।

वैसे, अगर सिर्फ घूमने जा रहे हों यानी आपको कैंपिंग नहीं करनी हो तो आपका काम डे पैक (छोटी बैग) से भी आसानी से चल सकता है। यूं तो हजारों कंपनियां बैकपैक बनाती हैं, लेकिन विश्वसनीयता के लिहाज से आपको बैकपैक चुनना चाहिए। अपने देश में वाइल्ड क्राफ्ट, माउंट ट्रेक, क्वेचुआ और स्काईबैग के बैक पैक अच्छे माने जाते हैं। इनमें से वाइल्डक्राफ्ट को बहुत अच्छी क्वॉलिटी के लिए, माउंट ट्रैक विविधतापूर्ण रेंज के लिए, क्वेचुआ को बजट में बेहतर प्रॉडक्ट के लिए तो स्काईबैग को 2-3 दिनों की यात्रा के लिए अच्छा माना जाता है।

अच्छे बैकपैक की विशेषताएं
•जरूरत के हिसाब से हो या फ्री साइज का हो
•हल्का हो, वॉटर प्रूफ हो और इसमें सपोर्ट फ्रेम लगा हो
•फ्रंट लोडिंग अच्छी होनी चाहिए
•ऑर्गेनाइजर कम्पार्टमेंट बेहतरीन हो
•वेस्ट स्ट्रैप और चेस्ट स्ट्रैप को अजेस्टबल होना चाहिए
•जिप लॉकिंग की सुविधा हो
•डबल कैरी हैंडल हो तो ज्यादा बेहतर रहेगा क्योंकि इससे बैकपैक को उठाने में आसानी होती है।

कौन सा बैकपैक
बैकपैक बनाते वक्त सबसे जरूरी बात होती है- साइज। यह घुमक्क्ड़ी की अवधि के हिसाब से तय होता है। घुमक्क्ड़ी में यूं तो कुछ भी तय नहीं होता, लेकिन मोटा-मोटा हिसाब तो होता ही है कि सफर कितने दिनों तक चलने वाला है।

क्या-क्या हो बैकपैक में

बैकपैक के लिए ध्यान रखें कि यह हल्का बने और जरूरी चीजें भी न रह जाएं। दरअसल, घुमक्क्ड़ी के दौरान आपकी जरूरत की चीजें आपको लंबी यात्रा को लेकर आश्वस्त करती हैं। इसलिए कैंपिंग टेंट, स्लीपिंग बैग, ट्रैवल मैट, ब्यूटेन सिलिंडर से लेकर शूज, क्लॉदिंग, मेडिकल किट, वॉटर बोतल जैसी रोजमर्रा में काम आने वाली चीजें तक इसमें शामिल होनी चाहिए। साथ ही साथ इन चीजों की क्वॉलिटी और उपयोगिता को लेकर भी आपको सचेत होना चाहिए। हम जिस जमाने में जी रहे हैं इसमें टेक्नॉलजी के प्रयोग से घुमक्कड़ी को हम आसान और दिलचस्प बना सकते हैं इसलिए नई टेक्नॉलजी को लेकर झिझकें नहीं। जरूरी मोबाइल ऐप्स, रिकॉर्डिंग डिवाइस, कैमरा फोन का उपयोग करके आप अपनी घुमक्क्ड़ी की यादों को सहज ही सहेज सकते हैं।

30 दिनों की यात्रा के लिए आप

50-80 लीटर के बैकपैक की जरूरत आपको हो सकती है।

15 दिनों के लिए निकलना है तो
45-75 लीटर के बैकपैक में आपकी जरूरी चीजें आ जाएंगी।

2-3 दिनों के लिए निकलना है तो

30-50 लीटर के बैकपैक में आपकी जरूरी चीजें आ जाएंगी।


देश में मौजूद कुछ बेहतरीन ट्रेक रूट्स

चोपता चंद्रशिला ट्रेक, उत्तराखंड

बेस्‍ट सीजन
जून, सितंबर-दिसंबर
कठिनाई स्‍तर
मध्‍यम
अधिकतम ऊंचाई
3962 मीटर
कितने दिन की ट्रैकिंग
4 से 5 दिन
चोपता चंद्रशिला ट्रैक विविधतापूर्ण है। यह उन ट्रेक में से एक है, जिसे पूरे साल चलाया जा सकता है। यहां पर ट्रैकिंग के दौरान, केदारनाथ, चौखंभा, नंदा देवी और त्रिशूल जैसे विभिन्न हिमालयी चोटियों के दीदार भी होते हैं। साथ ही आपको अल्पाइन वनस्पति की सुंदरता भी देखने को मिलती है, जिसके लिए यह क्षेत्र काफी प्रसिद्ध है। कुंड कैंप और साड़ी विलेज के रास्ते यहां पहुंचा जा सकता है। ट्रेक का खास खूबसूरत हिस्सा साड़ी से देवरिया ताल तक फैला हुआ है। यात्रा का मुख्य आकर्षण तब होता है जब आप भगवान शिव को समर्पित 1000 साल पुराने मंदिर के आगे से गुजरते हैं। लगभग 10,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित यह सबसे ऊंचा भगवान शिव मंदिर होने के लिए प्रसिद्ध है।

रूपकुंड झील, उत्‍तराखंड
बेस्‍ट सीजन
जुलाई से नवंबर
कठिनाई स्‍तर
कठिन
अधिकतम ऊंचाई
5000 मीटर
दिनों में अवधि
5 से 7 दिन
आप साहसिक पर्यटन या ट्रैकिंग के शौकीन हैं तो चमोली जिले में स्थित रूपकुंड झील आपके लिए एक बेहतरीन जगह है। यह हिमालय के ग्लेशियरों के गर्मियों में पिघलने से पहाड़ों में बनने वाली झील है जिसके चारों तरफ ऊंचे-ऊंचे बर्फ के ग्लेशियर हैं। इस जगह पर पहुंचने का रास्ता बेहद दुर्गम हैं इसलिए यह जगह एडवेंचर ट्रेकिंग करने के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। यह झील यहां पर मिलने वाले नरकंकालों के कारण प्रसिद्ध है। सर्दियों में रूपकुंड झील जम जाती है इसलिए इस ट्रेकिंग के लिए गर्मियों के मौसम को ही चुनें। जुलाई से नवंबर के बीच जाना उपयुक्त समय माना जाता है। यहां पर अपना टेंट लेकर आपको जाना होगा। 22 किमी लंबे इस ट्रेक के दौरान आपको जीवन का अद्भुत रोमांच होगा।

वैली ऑफ फ्लार्स, उत्‍तराखंड
बेस्‍ट सीजन
जुलाई से मध्‍य सितंबर
कठिनाई स्‍तर
आसान
अधिकतम ऊंचाई
3900 मीटर
कितने दिन की ट्रैकिंग
4 से 6 दिन
यह कहना गलत नहीं है कि भारत में यह ट्रेकिंग आत्मिक यात्रा की तरह है। अगर आप फूलों की घाटी पर ट्रेक करते हैं तो ये आत्मिक अनुभव होगा। फूलों की यह घाटी यूनेस्को द्वारा 1982 में घोषित विश्व धरोहर स्थल नंदा देवी अभयारण्य, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान का ही एक भाग है। हिमालय क्षेत्र पिंडर घाटी या पिंडर वैली के नाम से भी जाना जाता है। 11 किमी के इस सफर में आप हिमालयी फूलों के बीच से होकर गुजरते हैं और पूरे वक्त मानसून के मौसम में खिलने वाले फूल 'प्रिमुला' के खुमार में रहते हैं। लगभग 300 प्रकार के स्थानीय पहाड़ के शीर्ष फूलों और वनस्पतियों की एक समृद्ध श्रृंखला से आप परिचित होते हैं।

हम्प्टा पास ट्रैक, हिमाचल प्रदेश
बेस्‍ट सीजन

मई से अक्‍टूबर
कठिनाई स्‍तर
मध्‍यम
अधिकतम ऊंचाई
4400 मीटर
कितने दिन की ट्रैकिंग
4 से 5 दिन
हम्प्टा पास ट्रैक आसान और उत्तम है। अगर अपने दैनिक जीवन से काफी समय से नहीं निकल पा रहे और अपनी थकी हुई मांसपेशियों को एक धक्का देना चाहते हैं तो बैकपैक बांधकर इस नए रोमांच पर निकल जाइए। यह ट्रैक कुल्लू घाटी में हम्पटा गांव से शुरू और लाहौल व स्पीति घाटी में चतरू पर समाप्त होता है। ट्रेक के बीच चिका, बालू का घेरा, शीया गोरू क्रॉसिंग, चतरू और चंद्रताल जैसे आकर्षक स्थान आते हैं, जिनके बीच से होकर गुजरना काफी अच्छा लगता है। बर्फ से ढकी चोटियां, खुले हरे मैदानों के शानदार दृश्य पेश करते हुए यह ट्रेक आप में से हरेक को रोमांचित करेगा और आपकी कल्पनाओं को एक उभार देगा।


चादर ट्रेक, लद्दाख
बेस्‍ट सीजन

जनवरी से फरवरी
कठिनाई स्‍तर
मुश्किल
अधिकतम ऊंचाई
3890 मीटर
कितने दिन की ट्रैकिंग
9 से 12 दिन
यदि आप एक मजबूत दिल वाले और हिम्मती हैं तो चादर ट्रैक आपके लिए है। चादर ट्रेक जिसे ज़ांस्कर ट्रैक के नाम से भी जाना जाता है। यह चिलिंग से शुरू होता है और लिंग शेड तक जारी रहता है। यह आपको न सिर्फ जमे हुए ज़ंस्कार नदी पर चलने का एक शानदार मौका प्रदान करेगा बल्कि यहां आपको बौद्ध विरासत और धार्मिक समृद्धि के बारे में जानने का मौका भी मिलेगा। यह देश के मुश्किल ट्रैक में आता है। तो हो सकता है कि जलवायु और पगडंडी पर चलते हुए आपका आत्मविश्वास खोने लगे, लेकिन जब आप इस पगडंडी को पार करेंगे तो यह सुनिश्चित होगा कि यह आपके जीवन का सबसे शानदार अनुभव रहा।


ट्रैकिंग के लिए कुछ सुझाव

सफाई की करें परवाह: एक ट्रेकर की सबसे बड़ी जिम्मेदारियों में से एक यह है कि वह अपने पर्यावरण की उतनी ही परवाह करता है जितना कि अपनी खुशी का। आपको एक जिम्मेदार ट्रेकर के रूप में हमेशा अपने पर्यावरण को लेकर सजग रहना चाहिए।

स्थानीय संस्कृति को जानें: एक ट्रेकर के रूप में आपको हमेशा स्थानीय लोगों के रीति-रिवाज और परंपराओं को जानने की कोशिश और उनकी परवाह करनी चाहिए।

छिटपुट, लेकिन जरूरी चीजें

जूते (रेंज: 2 से 4 हजार)

अच्छे जूते के बिना घुमक्कड़ी संभव नहीं है। इसलिए अच्छी कंपनियों के जूते ही खरीदें क्योंकि ये टिकाऊ और कंफर्टेबल होते हैं। वाइल्डक्राफ्ट के जूते अच्छे माने जाते हैं। वुडलैंड के जूते भी मजबूती के लिहाज से अच्छे होते हैं, लेकिन वजन ज्यादा होता है। आप घुमक्क्ड़ी के लिए नाइकी, एडिडास और प्यूमा के लाइटवेट जूते भी उपयोग में ला सकते हैं।

चाकू, सेफ्टी पिन, सुई धागे
ये छोटी-छोटी चीजें आपकी यात्रा में कब काम आ जाएंगी आपको भी नहीं पता। ऐसे में इन्हें अपने बैकपैक में जगह जरूर दें। लाइटर और मैच बॉक्स भी साथ में रखें। स्टेपलर, कटर, परमानेंट मार्कर, डायरी, स्केच बुक आदि जरूरत के अनुसार रख सकते हैं।

टॉयलट बैग (रेंज: 500 से 1000)
टॉयलट बैग सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है। इसलिए पहले यह सुनिश्चित कर लें कि इसमें किन-किन चीजों की आपको ज्यादा जरूरत पड़ेगी। टूथब्रश, पेस्ट, फेस वॉश, बॉडी वॉश, सनस्क्रीन के साथ-साथ फेस क्रीम भी जरूर रखें।

नोटबुक (रेंज: 50 से 100)
ट्रैवलिंग के दौरान कई छोटी-छोटी बातों को दर्ज करने की जरूरत महसूस होती है। ऐसे में एक छोटी नोटबुक का होना बहुत ही जरूरी होता है।

टॉर्च (रेंज: 600 से 1800)
आपको अक्सर दुर्गम रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में लाइट की व्यवस्था आपके पास होनी चाहिए, भले ही मोबाइल में टॉच हो तो भी।

कम्पास और मैप (रेंज: 200 से 500)
यह दोनों जरूरी इंस्ट्रूमेंट हैं। जब कोई आसपास मदद के लिए न हों तो इनका उपयोग किया जा सकता है।

टी बैग (रेंज: 70 से 200)
चाय के बिना सबकुछ अधूरा है। इसलिए टी बैग के साथ वह सभी जरुरी चीजें होनी चाहिए जिससे कि चाय बना सकें।


आई मास्क (रेंज: 150 से 500)
अच्छी नींद के लिए यह बेहद ही जरूरी चीज है क्योंकि घुमक्कड़ी के दौरान आपको झपकी मारने की जगह कहां मिलेगी, कहना मुश्किल है।

ट्रैवल पिलो (रेंज: ~150 से 400)
आपका ज्यादातर समय यात्राओं में बीतता है तो इसका होना बहुत ही जरूरी है।

सन ग्लासेस (रेंज: 1500 से 3,000)
यह आपको सूरज की तीखी किरणों से बचाती है तो रास्ते में आंखों को धूल-मिट्टी से भी सुरक्षित रखती है।

डिजिटल किट (रेंज: 30 से 60 हजार)
जितना घूमना जरूरी है, उतना ही यादों को संजो लेना भी। डिजिटल किट इसलिए बेहद खास है। इसमें आप डेटा ट्रैवलर से लेकर कैमरा और लैपटॉप तक रख सकते हैं। इलेक्ट्रिक कन्वर्टर, ऐप्स और मैप भी रखें। अगर आप अपनी घुमक्क्ड़ी के दौरान रिकॉर्डिंग का शौक रखते हैं तो भारी भरकम कैमरे की बजाय गो प्रो और गिम्बल कैमरे का उपयोग कर सकते हैं।

मेडिकल किट (रेंज: 500 से 1000)

घुमक्कड़ी के दौरान एक ऐसी मेडिकल किट का होना बेहद जरूरी होता है जिसके सहारे छोटी-मोटी बीमारियों से खुद निपटा जा सके। मेडिकल किट तैयार करते समय आपको अपनी आवश्यकता पर विशेष ध्यान देना होता है। मौसमी रोगों के लिए एंटी-बायॉटिक, बुखार, दर्द, पेट और गैस की दवाएं, जले-कटे पर लगाने की क्रीम के साथ-साथ ग्लूकोज पाउडर जरूर इस किट में रखें।

पानी की बोतल (रेंज: 200 से 700)
यह शायद सबसे जरूरी चीजों में से एक है। घुमक्कड़ी के दौरान पानी की दो बोतल साथ रखना जरूरी होता है। बोतल की क्वॉलिटी से कोई समझौता नहीं करें क्योंकि कई बार आपको दो-तीन दिनों तक पानी को इन बोतल में स्टोर करना पड़ जाता है।

यह भी जरूरी है
•सबसे जरूरी है कि आप अपने सामान की चेकलिस्ट बना लें कि कौन-कौन-सी चीज आपके पास है।
•सभी चीजों को बैकपैक के अलग-अलग कम्पार्टमेंट में रखें। अच्छा होगा कि सामान को सुरक्षित और अच्छे से अरेंज करने के लिए छोटे-छोटे पाउच का उपयोग करें।
•जहां जा रहे हैं वहां की पूरी जानकारी पहले से कर लें। मोबाइल में वहां का नक्शा गूगल मैप डाउनलोड कर लें क्योंकि हर जगह मोबाइल नेटवर्क नहीं होता।
•दिन में सुबह या फिर शाम के वक्त घर पर दिन में कम से कम एक बार बात जरूर करें। आपकी स्थिति की सही जानकारी किसी ना किसी के पास होनी चाहिए।
•सुरक्षा पहली और आखिरी प्राथमिकता होती है। घुमक्क्ड़ी इन दोनों के बीच की चीज है। सुरक्षित रहेंगे तभी घूम पाएंगे। यह दुनिया बहुत बड़ी है।

सिलिंडर और बर्तन
घुमक्कड़ी के शौकीन लोगों की खास या फिर सबसे अलग बात यह होती है कि वह बने-बनाए नक्शे के मुताबिक यात्रा नहीं करते। वे कभी भी, कहीं भी अपनी मर्जी से निकल पड़ते हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि रोजमर्रा की बेहद जरूरी चीजें उनके पास हों। जंगल और पहाड़ की यात्रा के दौरान या फिर ऐसी जगहों पर जहां एलपीजी तक जम जाती है ट्रैवलर ब्यूटेन सिलिंडर या मल्टीफ्यूल सिलिंडर का उपयोग करते हैं। साथ ही, उन्हें हल्की और आसानी से ढोए जा सकने वालो बर्तनों की भी जरूरत होती है।

बर्तन सेट: 2500-4000, सिलिंडर: 2 से 7 हजार

साइज और क्वॉलिटी
लैंप से भी छोटा यह सिलिंडर आंधी, पानी और तूफान के बीच भी जल जाता है और एक बार भरवाने के बाद महीनों चल जाता है। कई बार यह सिलिंडर मल्टिफ्यूल के ऑप्शन के साथ भी आता है। जरूरत पड़ने पर इसमें आप डीजल, किरोसिन आदि का उपयोग भी कर सकते हैं। भारत में कोलमैन का बर्नर ड्यूल फ्यूल ब्यूटेन सिलिंडर काफी पॉपुलर है। बाजार में वैसे और भी कई ऑप्शन मौजूद हैं।

आपको इसमें देखना चाहिए
•कैंपिंग के लिए मुफीद हो
•इमरजेंसी में तुरंत कुछ पकाने के लिए बेहतर हो
•मिनटों में पानी उबाल दे
•पॉट स्पोर्ट हो और हवा से लौ को बचाने वाला हो

कपड़े चुनें ध्‍यान से
एक ट्रैवलर के तौर पर सबसे महत्वपूर्ण होता है कपड़ों का चुनाव। बैग पैक करते समय हमेशा इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कपड़े का चुनाव मौसम और जगह के हिसाब से किया जाए। साथ ही साथ इस बात का भी खयाल रखना जरूरी है कि ये पहनने में आरामदेह और बेहद हल्के हों। एक तरफ इससे जहां यात्रा सुखद होती है वहीं दूसरी तरफ गंदे होने या भीग जाने पर जल्दी सूख जाने की सहूलियत भी मिलती है। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जरूरत का कोई कपड़ा छूट न जाए और ऐसा एक भी कपड़ा न रखें जिसकी जरूरत यात्रा के दौरान न हो। इस समय कई कंपनियां ट्रैवलर्स के लिए खासतौर पर कपड़े डिजाइन करती हैं। इनमें वाइल्ड क्राफ्ट, वुडलैंड और डिकैथ्लॉन जैसी कंपनियां खास हैं।

जरूरी कपड़े
शर्ट्स व शॉर्ट्स: यह कम जगह घेरने के साथ-साथ पहनने में काफी आरामदेह होनी चाहिए।

टी-शर्ट्स: ट्रैवलिंग के लिहाज से ये काफी आरामदेह और लाइट होती हैं। अंडरगारमेंट्स, सॉक्स: ये अच्छी क्वॉलिटी की लें और हमेशा जरूरत से ज्यादा रखें क्योंकि घूमने के दौरान धोने और सुखाने का मौका कम ही मिल पाता है। (नामी कंपनियां: वाइल्ड क्राफ्ट, केंचुआ, डिकैथ्लॉन। एक सेट की कीमत: 5000 से 7000)

कैंपिंग टेंट
यह छोटा-सा कैंपिंग टेंट एक ट्रैवलर के लिए पूरा-पूरा घर होता है जो उसे धूप, बारिश और आंधी-तूफान से बचाता है। यात्रा के दौरान इसके होने से आपको कहीं भी अपनी पसंद की जगह पर रुकने की परेशानी नहीं रह जाती। इसलिए टेंट खरीदते समय काफी सतर्क रहें और सही टेंट चुनें। कई बार ऐसी परिस्थितियां बनती हैं कि उन्हें दूरदराज के क्षेत्रों तक लेकर चल देती हैं, जहां रहने के लिए ना तो घर होता है और ना ही खाने की कोई अच्छी व्यवस्था। ऐसे में पास में टेंट का होना बेहद जरूरी हो जाता है। आप आसानी से अपना टेंट लगाकर मैदान, पर्वत, पठार, कहीं भी रह सकते हैं। बेशक यह छोटा-सा टेंट आपको मौसम के साथ-साथ भौगोलिक विषमताओं से भी बचाने का काम करता है।

कैसे चुनें टेंट
यात्रा में लोगों की संख्या के अनुसार कैंपिंग टेंट का चुनाव करना चाहिए। अगर आप सोलो ट्रिप पर जा रहे हैं तो आप वन पर्सन टेंट का चुनाव कर सकते हैं, लेकिन आप किसी साथी के साथ सफर पर निकल रहे हैं तो टु पर्सन टेंट ले सकते हैं। अगर ग्रुप या पूरे परिवार के साथ निकल रहे हैं तो आप अपनी आवश्यकता या कम्फर्ट के मुताबिक थ्री पर्सन, फोर पर्सन, सिक्स पर्सन, ऐट पर्सन या इससे भी बड़े टेंट का चुनाव कर सकते हैं। टेंट के अलावा वीवी सैक या हममॉक का भी उपयोग करना अच्छा विकल्प हो सकता है।

कैंपिंग टेंट खरीदते समय कंपनी या ब्रांड का पूरा ख्याल रखना चाहिए। कई बार हम सस्ते के चक्कर में पड़कर खराब चीज खरीद लेते हैं और फिर पछताते रहते हैं। ऐसे में परेशानी के साथ पैसे की बर्बादी भी होती है। क्वॉलिटी के लिहाज से इंडिया में वाइल्ड क्राफ्ट, कोलमैन और गजटबकेट के टेंट अच्छे माने जाते हैं।

अच्छे टेंट की विशेषताएं
•थ्री सीजन टेंट होना चाहिए
•रॉड एल्यूमिनियम की होनी चाहिए
•उसमें अच्छा जिपर होना चाहिए
•वजन कम होना चाहिए
•एक अच्छी छत का वेंटिलेटर हो
•बारिश के लिए फ्लाई नेट लगा हो
•टेंट का मटीरियल अच्छा हो
•लगाने में आसान हो


स्लीपिंग बैग व ट्रैवल मैट
बिना एक अच्छे ट्रैवल मैट और स्लीपिंग बैग के कभी भी आप अच्छे कैंपर नहीं हो सकते। आराम और बेहतर नींद के लिए ये जरूरी हैं। आप फैमिली कैंपिंग पर जा रहे हों या सोलो ट्रिप की प्लानिंग कर रहे हों या फिर कभी-कभार घूमने में यकीन रखते हों, आपके पास ये होने चाहिए। ये हर स्थिति में मौसम की मार से आपको बचाते हैं। ट्रैवल मैट आपको कहीं भी रुककर आराम कर लेने की सहूलियत देती है। यह हल्की और वॉटर रेसिस्टेंस होनी चाहिए ताकि एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में आसान हो और भीग जाने की स्थिति में भी इस्तेमाल में लाई जा सके।

साइज और क्वॉलिटी
स्लीपिंग बैग ज्यादातर एक इंसान की जरूरत के लायक ही आता है, लेकिन दो लोगों के लिए भी अब बैग आने लगे हैं, जिसमें आप अपने साथी के साथ आराम से सो सकते हैं। साइज के साथ-साथ क्वॉलिटी का भी इसमें विशेष ख्याल रखना होता है। अच्छी क्वॉलिटी के स्लीपिंग बैग आपको मौसम की मार से बचाते और ओपन में भी पूरी तरह से सुरक्षित रखते हैं। कई बार आपको उन जगहों की भी यात्रा करनी पड़ जाती है जहां का तापमान जीरो डिग्री से भी नीचे उतर जाता है। ऐसे में तापमान के मुताबिक स्लीपिंग बैग का चुनाव होना चाहिए।

भारत में उपलब्‍ध टेंट के अच्‍छे ब्रांड

वाइल्ड क्राफ्ट (क्वॉलिटी और विश्वसनीयता)

कोलमैन (क्वॉलिटी के लिए)

गजटबकेट (विविधतापूर्ण रेंज)

डिकैथ्लॉन (किफायती और अच्छा)

अच्छे स्लीपिंग बैग की विशेषताएं

•टेंपरेचर रेटिंग सही हो
•स्लीपिंग बैग का शेप अनुकूल हो
•इंसुलेशन की खासियत के साथ हो
•वॉटर रेसिस्टेंट हो

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Viewing all articles
Browse latest Browse all 485

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>