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प्रमाणपत्र बनवाने की कुंजी

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अक्सर जरूरी डॉक्युमेंट्स की याद तब बहुत आती है, जब बनता काम अटक जाता है। एक्सपर्ट्स की मदद से अमित मिश्रा बता रहे हैं जरूरी डॉक्युमेंट्स बनवाने की कुंजी :

बर्थ सर्टिफिकेट

क्यों जरूरी है
- स्कूल में ऐडमिशन के लिए।
- पासपोर्ट या हर ऐसा डॉक्युमेंट बनवाते वक्त जिसमें उम्र के सबूत की जरूरत होती है।

कौन करता है रजिस्ट्रेशन
- रजिस्ट्रेशन करने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकार की रहती है।
- दिल्ली में यह काम एमसीडी और एनडीएमसी करती हैं।
- जन्म 21 दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी को सूचित कर देना चाहिए।

कौन बनवा सकता है
- माता-पिता या घर का सीनियर मेंबर, या करीबी रिश्तेदार जैसे चाचा, मामा आदि। नौकर या दूर के रिश्तेदार को भेज कर बनवा सकते हैं, लेकिन डॉक्युमेंट में दस्तखत करने के लिए करीबी रिश्तेदार का होना जरूरी है।

कैसे बनवाएं
-हर सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में एक फॉर्मेट पर जन्म की जानकारी लेकर एमसीडी या एनडीएमसी को दे दी जाती है।
- अगर तय वक्त (21 दिन) में यह सर्टिफिकेट न ले सकें तो लोकल एसडीएम ऑफिस जाकर रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है। हालांकि हॉस्पिटल के जरिए रजिस्ट्रेशन करारा सहूलियत भरा रहता है।
- ऐप्लिकेशन रिसीव होने के 7 दिनों के अंदर प्रमाण पत्र देना जरूरी होता है।

फीस: पहली बार बनवाने पर यह फ्री दिया जाता है। लेकिन इसके बाद की कॉपी लेने पर प्रति कॉपी 10 रुपये का खर्च आता है।

OBC सर्टिफिकेट

क्यों जरूरी
- नौकरियों और सरकारी योजनाओं में मिलने वाली सुविधाओं के लिए।
- स्कूल-कॉलेज में ऐडमिशन के लिए
- अपने बच्चों का ओबीसी सर्टिफिकेट बनवाने के लिए

कौन बनाता है
- इसे एरिया के एसडीएम या डीसी ऑफिस से सुबह 10 बजे से दोपहर बाद 1 बजे तक बनवाया जा सकता है।

कैसे बनता है
- दिल्ली सराकर ने इसे बनवाने के लिए ऑनलाइन ऐप्लिकेशन की सुविधा दे रखी है। districts.delhigovt.nic.in/choosedistrict.asp पर जाकर अपॉइंटमेंट लिया जा सकता है।
- यहां जाकर आप संबंधित अधिकारी से अपॉइंटमेंट लेकर सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं।
- आपको साथ में भरे हुए फॉर्म की कॉपी और जरूरी डॉक्युमेंट लेकर जाना होता है।
- पहले से वक्त लेने से आप लाइन में लगने से के झंझट और दलालों के चक्कर में पड़ने से बच जाते हैं।

जरूरी डॉक्युमेंट
- पूरा भरा हुआ फॉर्म
- आधार कार्ड या आधार एनरोलमेंट नंबर
- आई कार्ड (इनमें से कम से कम 2) जैसे- पैन, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड
- ऐप्लिकेशन देने वाले का फोटो ऐप्लिकेशन रिसीव करने के बाद ऑफिस में ही खींची गई जाएगी।
- अपने पिता, भाई, बहन या ब्लड रिलेटिव के ओबीसी सर्टिफिकेट की कॉपी
- जहां रह रहे हैं, वहां का अड्रेस प्रूफ जैसे वोटर आईडी या बिजली, पानी या टेलिफोन (लैंडलाइन) का बिल।
परिवार की आय का प्रूफ (आईटीआर या सैलरी स्लिप)
- बेहतर होगा सभी डॉक्युमेंट्स की कॉपी गजटेड ऑफिसर या एमपी/एमएलए से अटेस्ट करा लें।

फीस: फ्री, कितना वक्त लगेगा: 60 दिन

हैंडिकैप्ड कार्ड

क्यों जरूरी
- सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन के लिए, रेलवे में सफर करते वक्त छूट के लिए

कौन बनवा सकता है
- हैंडिकैप कार्ड 40 फीसदी शारीरिक विकलांग (हड्डी संबंधी), 35 फीसदी मानसिक विकलांग, 90 फीसदी तक अंधापन, 90 फीसदी तक बहरापन और पूरी तरह से गूंगा इंसान ही बनवा सकता है।

कौन बनाता है
इसे लोकर एसडीएम ऑफिस से सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक बनवाया जा सकता है।

जरूरी डॉक्युमेंट्स
- पूरा भरा ऐप्लिकेशन फॉर्म
- विकलांगता संबंधी डॉक्युमेंट के तौर पर गजटेड ऑफिसर से अटेस्टेड मेडिकल सर्टिफिकेट
- राशनकार्ड के पहले तीन पेजों की फोटोकॉपी जिसके जरिए पता चलता हो कि दिल्ली में 3 साल से रह रहे हैं।
- एम्स, एलएनजेपी हॉस्पिटल, हिंदूराव हॉस्पिटल, सफदरजंग हॉस्पिटल, गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल, राममनोहर लोहिया हॉस्पिटल और इंस्टिट्यूट बिहेवियर ऐंड अलाइड साइंस आदि से बनवाया गया मेडिकर सर्टिफिकेट जिससे पता चलता हो कि विकलांगता सर्टिफिकेट बनने की सीमा आती है या नहीं।
- गजटेड ऑफिसर से अटेस्ट करवाी हुई दो पासपोर्ट साइज फोटो।
- हैंडिकेप कार्ड ऐप्लिकेंट को तभी सौंपा जाएगा, जब वह कार्ड रिसीव करने के लिए खुद मौजूद होगा और कार्ड पर साइन करेगा।

फीस
पहली बार फ्री, उसके बाद बनवाने पर हर बार 10 रुपये।
वक्त
21 दिनों में कार्ड बन जाता है।

मैरिज सर्टिफिकेट

क्यों जरूरी
- शादी के बाद पासपोर्ट, बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट मांगा जाता है।
- पति-पत्नी को किसी भी देश का वीजा लेते वक्त अगर या प्रूफ करना है कि वे पति-पत्नी हैं।
- पति-पत्नी में कोई भी विदेश में नौकरी कर रहा है तो उसके साथ रहने के लिए डॉक्युमेंट्स जुटाने के लिए
- बैंक में नॉमिनी, इंश्योरेंस या जमीन-विवाद में हिस्से में पति या पत्नी के प्रूफ के तौर पर।

किसके लिए कौन सा सर्टिफिकेट
- शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए दो तरह के सर्टिफिकेट बनाए जाते हैं।
- हिंदू मैरिज ऐक्ट के अनुसार: हिन्दू, बौद्ध, जैन और सिख या इन धर्मों को स्वीकार करने वाले।
- स्पेशन मैरिज ऐक्ट के अनुसार: पति-पत्नी में से एक या दोनों ही हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन न हो।

कौन बनाता है
- यह सर्टिफिकेट लोकल एसडीएम ऑफिस से सुबह 9: 30 से 1 बजे तक बनवाया जा सकता है। लोकर एसडीएम ऑफिस का पता जानने के लिए goo.gl/PXGA7L पर जाएं। - districts.delhigovt.nic.in/choosedistrict.asp पर जाकर मैरिज सर्टिफिकेट लेने के लिए लोकल एसडीएम ऑफिस में पहले से अपॉइंटमेंट ले सकते हैं।

जरूरी डॉक्युमेंट्स
- पति और पत्नी का साइन किया हुआ ऐप्लिकेशन फॉर्म
- जन्म के प्रमाणपत्र, जैसे मैट्रिक्युलेशन सर्टिफिकेट/पासपोर्ट/बर्थ सर्टिफिकेट
- स्पेशल मैरिज ऐक्ट के तहत रजिस्टर होने वालों को दिल्ली में 30 दिनों से ज्यादा रहते हुए का प्रूफ (राशन कार्जड या एरिया के एसएचओ की रिपोर्ट)
-पति और पत्नी दोनों के एफिडेविट जिसमें शादी की जगह और तारीख, जन्म की तारीख, मैरिटल स्टेटस और राष्ट्रीयता के बारे में बताया गया हो -पति-पत्नी के 2 पासपोर्ट साइज फोटो और शादी के वक्त का एक फोटो, अगर मौजूद हो तो शादी का इंविटेशन कार्ड
- अगर शादी किसी मंदिर, चर्च या गुरुद्वारा जैसे धार्मिक स्थल पर हुई है तो वहां के पुजारी से बनवाया हुआ सर्टिफिकेट
- कुछ रिश्तों जैसे भाई-बहन आदि में शादी करने की मनाही है इसलिए एक एफिडेविट इस बात के लिए देना होगा कि पति
-पत्नी दोनों ही किसी ऐसे रिश्ते में नहीं आते जिनमें शादी रजिस्टर न हो सके।
- अगर एप्लाई करने वाले तलाकशुदा हैं तो तलाक का कोर्ट ऑर्डर की अटेस्टेड कॉपी और अगर विधवा या विधुर हैं तो डेथ सर्टिफिकेट की अटेस्टेड कॉपी
- बेहतर होगा कि फीस रसीद को छोड़ कर सभी डॉक्युमेंट किसी गजटेड ऑफिसर से अटेस्ट करवा लें।

लें तत्काल मैरिज सर्टिफिकेट
- अब 24 घंटे के भीतर मैरिज सर्टिफिकेट पाया जा सकता है।
- सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स के साथ तत्काल कैटगिरी में सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करने पर 10,000 रुपये फीस के तौर पर भरने पड़ते हैं।

फीस
- हिंदू मैरिज एक्ट में रिजस्टर होने के लिए 100 रुपये और स्पेशल मैरिज ऐक्ट के तहत रजिस्टर होने के लिए 150 रुपये डिस्ट्रिक्ट कैशियर ऑफिस में जमा करने होंगे।

कितने दिन लगेंगे
- सर्टिफिकेट 2-4 दिनों में मिल जाता है।

डेथ सर्टिफिकेट
- वीकल, जमीन-जायदाद, बीमा पॉलिसी या बैंक अकाउंट के ट्रांस्फर के लिए
- वोटर लिस्ट या किसी भी सरकारी कागजात से नाम हटवाने के लिए
- मृत व्यक्ति के आश्रितों के पेंशन आदि के लिए

कौन करता है रजिस्ट्रेशन
- रजिस्ट्रेशन करने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकार की रहती है।
- दिल्ली में यह काम एमसीडी और एनडीएमसी करती हैं। मृत्यु के 21 दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी को सूचित कर देना चाहिए।

कौन बनवा सकता है
- मृत व्यक्ति का कोई भी करीबी रिश्तेदार जैसे पत्नी, बेटा, भाई आदि

कैसे बनवाएं
- वैसे इसे एसडीएम ऑफिस से बनवाया जा सकता है लेकिन श्मशान घाटों से भी इसे बनवाया जा सकता है। श्मशान में ज्यादा सहूलियत भरा रहता है और दौड़-भाग बच जाती है।
- वक्त संबंधित नियम वही रहते हैं जो जन्म प्रमाण पत्र के लिए होते हैं।

फीस
-
पहली बार बनवाने पर यह फ्री दिया जाता है लेकिन इसके बाद की कॉपी लेने पर प्रति कॉपी तकरीबन 10 रुपये का खर्च आता है।

कितना वक्त लगेगा : 21 दिन

SC/ST सर्टिफिकेट

क्यों जरूरी
- सरकारी सहायता, स्कूल-कॉलेजों और नौकरियों में रिजर्वेशन के लिए

कौन बनाता है
- अपने एरिया के एसडीएम ऑफिस में सुबह 10 बजे से दोपहर बाद 1 बजे तक इसे बनवाया जा सकता है।
- districts.delhigovt.nic.in/choosedistrict.asp पर अप्लाई कर सकते हैं। - सर्टिफिकेट का स्टेटस जानने के लिए goo.gl/9Quiy2 पर जा सकते हैं।

कैसे बनता है
- पूरा भरा हुआ फॉर्म जिसे एमपी/एमएलए/काउंसलर/गजटेड ऑफिसर ने अटेस्ट किया हो।
- ऐप्लिकेशन जमा करते वक्त ऑफिस में ही एप्लिकेशन देने वाले की फोटो खींची जाती है।
- सर्टिफिकेट बनाने के पहले अथॉरिटी लोकल लेवल पर पते और जाति का वेरिफिकेशन करवाती है।

क्या डॉक्युमेंट्स जरूरी
- आयु का सर्टिफिकेट (बर्थ सर्टिफिकेट या दसवीं का सर्टिफिकेट)
- रेजिडेंस प्रूफ (राशनकार्ड, लैंडलाइनफोन का बिल आदि)
- अगर आधार नंबर नहीं है तो पैन/पासपोर्ट/ड्राइविंग लाइसेंस/वोटर आईडी
- पिता, भाई, बहन या किसी ब्लड रिलेटिव मिसाल के तौर पर चाचा, ताऊ, मामा आदि के एसससी/एसटी सर्टिफिकेट की कॉपी।
- अगर सपोर्टिंग सर्टिफिकेट दिल्ली से बाहर के किसी स्टेट से बनवाया गया है तो उसे एफिडेविट देना होगा जो गजटेड ऑफिसर से अटेस्ट करवाना होगा।
- डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन के लिए हर सपोर्टिंग डॉक्युमेंट की ऑरिजनल कॉपी भी लेकर जाएं।
- अगर 18 साल से कम के लड़के या लड़की का सर्टिफिकेट बनना है तब घर के वरिष्ठ सदस्य का एफिडेविट जरूरी होगा।
- अगर परिवार के किसी भी मेंबर का एससी/एसटी सर्टिफिकेट नहीं बना है तो दो सरकारी कर्मचारियों को यह लिख कर देना होगा कि सर्टिफिकेट बनवाने वाले को और उसकी कास्ट को अच्छी तरह से जानते हैं। इसके साथ ही सर्टिफाई करने वाले दोनों लोगों को अपने पहचान के डॉक्युमेंट की कॉपी भी अटैच करनी होंगी।
- अगर शादीशुदा महिला का सर्टिफिकेट बनना है तो ससुराल और मायके दोनों जगह की लोकल इंक्वायरी के बाद लोकल एसडीएम ऑफिस सर्टिफिकेट बनाता है।

फीस : फ्री, 60 दिनों में बन जाता है।

डोमिसाइल सर्टिफिकेट

क्यों जरूरी
- दिल्ली सरकार की योजनाओं का फायदा लेने, स्कूल-कॉलेजों में एडमिशन के वक्त,

कहां बनता है
- अपने एरिया के एसडीएम ऑफिस या डीसी ऑफिस में सुबह 10 बजे से दोपहर बाद 1 बजे तक

जरूरी डॉक्युमेंट्स
- गजटेड ऑफिसर (दिल्ली या सेंट्रल गवर्मेंट) से अटेस्ट करवाया हुआ पूरा भरा एप्लिकेशन फॉर्म। एप्लिकेशन फॉर्म goo.gl/kYItjW से डाउनलोड किया जा सकता है।
- आधार नंबर, अगर आधार नंबर नहीं है तो पैनकार्ड/पासपोर्ट/ ड्राइविंग लाइसेंस/ वोटर आई कार्ड।
- अगर एप्लिकेंट की उम्र 18 साल से कम है तो एफिडेविट देना होगा।
- ऐप्लिकेंट का फोटो फॉर्म जमा करते वक्त या वैरिफिकेशन के वक्त वेब कैम से खींची जाएगी।
- अपने पते को साबित करने के लिए वोटर कार्ड, बिजली का बिल, पानी का बिल या टेलिफोन का बिल आदि की कॉपी
- आयु प्रमाणित करने के लिए बर्थ सर्टिफिकेट की कॉपी, दसवीं का सर्टिफिकेट या पासपोर्ट की कॉपी
- पिछले 3 साल से दिल्ली में रहने के तीन प्रूफ मिसाल के तौर पर एजुकेशनल सर्टिफिकेट, बिजली का बिल, हाउस टैक्स या बिजली के बिल की कॉपी आदि
- जिस गजटेड ऑफिसर ने फॉर्म अटेस्ट किया है उसके आई कार्ड की कॉपी और कॉन्टैक्ट नंबर देना पड़ता है। ऐसा न करने पर फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है।

फीस - फ्री

कितने दिनों में बनेगा - 21 दिन (अधिकतम)


देरी पर लें सिटीजन चार्टर का सहारा
दिल्ली सरकार ने सिटीजन चार्टर के जरिए हर सरकारी काम को वक्त रहते करवाने के लिए तय समय सीमा रखी है। इससे ज्यादा देरी होने पर डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक ग्रीवांस कमिशन में www.delhi.gov.in/wps/wcm/connect/pgc1/public+grievances+commission/home/ पर जाकर शिकायत कर सकते हैं। शिकायत करते वक्त इन बातों का ध्यान रखें

- अपने एप्लिकेशन की रसीद और रिसीविंग की कॉपी संभाल कर रखें क्योंकि इन्ही से प्रूफ होगा कि आपके काम में देरी हो रही है।
- दिए हुए वक्त में से छुट्टियों को निकाल दें। मिलास के तौर पर अगर अगर 10 दिनों का वक्त दिया गया है तो उसमें हफ्ते की छुट्टियों के न जोड़ें।
- शिकायत करते वक्त मिले हर डॉक्युमेंट जैसे रिसीविंग आदि को संभाल कर रखें। इससे अपील में जाने की नौबत आने पर सहूलियत रहती है।

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